About sidh kunjika
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Individuals who go through Devi Mahatmya with out this prayer of Kunjika will not get to the forest of perfection as they'll weep by itself without any just one to shield or defend them.
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि